मौलाना सय्यद अरशद मदनी साहब को सर्वसम्मति से अमीरुल हिन्द चुना गया। मुफ़्ती सलमान मंसूरपुरी को नायब अमीर चुना गया।
बुढ़ाना मौलाना अरशद मदनी के अमीरुल हिन्द बनाये जाने पर चारो ओर से प्रशंसा व्यक्त की जा रही है l कस्बे बुढ़ाना में भी ख़ुशी की लहर है जमीयत उलमा-ए-हिन्द बुढ़ाना नगर अध्यक्ष हाफिज शेरदीन पूर्व नगर अध्यक्ष मौ0आसिफ कुरैशी हाफिज तहसीन ने मौलाना अरशद मदनी साहब व मुफ़्ती सलमान मंसूरपुरी को मुबारकबाद पेश की हे l मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली स्थित जमीयत उलमा-ए-हिंद के मुख्यालय में देशभर के नामचीन उलेमा और इमारत ए शरिया हिंद की बैठक आयोजित हुई। इस महत्तवपूर्ण बैठक में जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी को सर्वसम्मति से 5वां अमीर-उल-हिंद चुना गया। बता दें कि अमीर-उल-हिंद मौलाना कारी सैयद मोहम्मद उस्मान मंसूरपुर का 21 मई 2021 को बिमारी के चलते निधन हो गया था। उनके निधन के बाद से यह पद खाली था, इसी को लेकर शनिवार को दिल्ली में स्थित जमीयत उलमा-ए-हिंद मुख्यालय में देश के ख्यातीप्राप्त उलेमा और इमारत ए शरिया ए हिंद के जिम्मेदारों की अहम बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से मौलाना सैयद अरशद मदनी को अमीर उल हिंद चुना गया है।
मौलाना अरशद मदनी पांचवे अमीर उल हिंद हैं, जबकि कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी के बड़े बेटे मौलाना सैयद सलमान मंसूरपुरी को नायब अमीर उल हिंद बनाया गया।इस बैठक में मुख्य रूप से जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी, जमीयत उलमा-ए-हिंद (महमूद मदनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी और दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अब्दुल कासिम नोमानी आदि शामिल है। जानकारी के लिये बता दें कि इमारत शरिया ए हिंद का गठन 1986 में हुआ था और सबसे पहले अमीर-उल-हिंद मौलाना हबीबुर्रहमान आज़मी बने थे, 1992 में पूर्व सांसद और जमीयत उलमा-ए-हिंद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद असद मदनी, 2006 में दारुल उलूम देवबंद के पूर्व मोहतमिम मौलाना मरगूब उर रहमान और 2011 से 21 मई 2021 तक जमीअत उलमा अध्यक्ष और दारुल उलूम देवबंद कारगुजार मोहत्ममी मौलाना कारी उस्मान मंसूरपुरी इस पद पर रहे हैं।गौरतलब है कि अमीर-उल-हिंद इमारत ई शरिया ए हिंद के पूरे देश के अमीर होते हैं, इनके नेतृत्व में चांद देखे जाने की पुष्टि, यतीमो और विधवाओं को पेंशन व मदद आदि, समाज सुधार के काम और देश के मुसलमानों के मसाईल और समस्याओं का समाधान किया जाता है। आसिफ कुरैशी ने जानकारी देते हुये बताया की मौलाना अरशद मदनी साहब जमीयत उलमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ दारुल उलूम देवबंद के प्रधानाचार्य भी हे और आलमे इस्लाम की नुमाइंदा जमात राब्ता आलम इस्लामी साऊदी अरब के वरिष्ठ सदस्य भी है l
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